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मौजूदा हालात में बच्चों की सम्पूर्ण सुरक्षा में वीसीपीसी की अहम भूमिका!
सीतामढ़ी। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंड्स फाउंडेशन के सीतामढ़ी जिला इकाई के तत्वाधान में ‘कोरोना काल में बाल संरक्षण तथा ग्राम पलायन पंजी और ग्राम बाल संरक्षण समिति की भूमिका’ विषय पर ऑनलाइन जिलास्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा में डीसीपीयू के सीपीओ श्री दिनेश कुमार जी, चाइल्ड लाइन नोडल के समन्वयक मनीष कुमार, चाइल्ड लाइन कॉलेब के समन्वयक कमलेश कुमार, अदिति संस्था की प्रबंधक परिणीता कुमारी, दमामी हाई स्कूल के प्राचार्य श्री अमित कुमार, सेव द चिल्ड्रन संस्था से सुनील कुमार, प्रथम संस्था से सुधीर कुमार, लोहासी पंचायत के सरपंच राजीव झा समेत कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के कैंपेन विभाग के कार्यकारी निदेशक श्री बिधान चंद्र सिंह, अपर्णा रवि, बचपन बचाओ आंदोलन के श्री जितेंद्र समेत लगभग 60 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस परिचर्चा में मुख्य रूप से कोरोना के तीसरे वेव को लेकर बच्चों से जुड़ी चिंताएं, कोरोना काल में बच्चों के संरक्षण, बाल दुर्व्यापार, उनके शोषण, बच्चों के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य समेत मौजूदा चुनौतियों आदि विषयों पर गहन चर्चा की गई। इसके साथ ही ग्राम पलायन पंजी और ग्राम बाल संरक्षण समिति के क्रियान्वयन व सशक्तिकरण पर भी विस्तृत चर्चा हुई।। इसके साथ ही ऐसी चिंता जाहिर की गई कि पिछले लगभग एक साल से अधिक समय से जब विद्यालय बंद पड़े हैं, बच्चों की पढ़ाई से रुचि कमतर हो सकती है और वह बाल श्रम व बाल दुर्व्यापार के शिकार न हो जाएं।
परिचर्चा को संबोधित करते हुए सीपीओ श्री दिनेश कुमार ने कहा कि कोरोना का सर्वाधिक असर बच्चों पर ही पड़ा है। उनकी शिक्षा प्रभावित हुई है। संभावित तीसरे वेव को लेकर बच्चों को विशेष सुरक्षा की जरूरत है। उन्होंने कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के कार्यों, अभियान की सराहना करते हुए कहा कि आपके प्रत्येक कार्यक्रम को हमारा साथ मिला है और आगे भी मिलता रहेगा। उन्होंने कोविड में अनाथ हुए नाबालिग बच्चों की सूची देने में संस्था से सहयोग की अपेक्षा भी की। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी में बच्चों की सुरक्षा में वीसीपीसी की अहम भूमिका हो सकती है, जरूरत है कि यह प्रत्येक पंचायत में सक्रिय रूप से कार्य करे। यह बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा, मनःस्थिति के साथ ही उनके श्रम व तस्करी पर भी नजर रखेगी।
चाइल्ड लाइन नोडल के समन्वयक मनीष कुमार ने अपने संबोधन में चाइल्ड लाइन की सक्रियता समेत कोरोना को लेकर कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए जिससे कि बच्चों को इस विषम समय मे स्वस्थ व सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने भी वीएमआर और वीसीपीसी को एक मजबूत तंत्र बताते हुए बाल संरक्षण में इसकी भूमिका पर बल दिया।
इसके साथ ही चाइल्ड लाइन के कॉलेब श्री कमलेश जी ने बताया कि बच्चे इस महामारी में मानसिक और शारीरिक रूप से त्रस्त हुए हैं। उनकी कॉउंसललिंग की व्यवस्था होनी चाहिए। उनका सम्पूर्ण विकास इस महामारी में प्रभावित नही होना चाहिए। शिक्षाविद और दमामी हाई स्कूल के प्राचार्य श्री अमित सिंह ने पिछले एक वर्ष के दौरान प्रभावित हुई स्कूली शिक्षा, बच्चों के खेल खुद, सामाजिक मेल जोल आदि में लगाई गई पाबंदियों पर चर्चा किया। उन्होंने कहा कि फिलहाल अपने देश और खासकर बिहार में डिजिटल शिक्षा सबकी पहुँच में नहीं है, इसपर अभी बहुत काम होना है। उन्होंने सीतामढ़ी में केससीएफ को हर संभव मदद करने का आश्वासन भी दिया।
इस परिचर्चा को संबोधित करते हुए अदिति संस्था की प्रबंधक श्रीमती परिणीता कुमारी ने कहा कि मौजूदा समय खासकर बच्चों के लिए ज्यादा तकलीफदेह है। वो न पढ़ पा रहे हैं, न खेल पा रहे हैं, अपने घरवालों को भी परेशानी में देखकर वे परेशान हो रहे हैं। आवश्यकता है कि उन्हें मानसिक, शारिरिक और शैक्षणिक काउंसलिंग प्रदान कर इस स्थिति से बाहर निकालें और कोरोना के संभावित तीसरे वेव की चुनौतियों से निपटने के लिए अब से तैयारी की पहल करें। उन्होंने ग्राम पलायन पंजी को एक महत्वपूर्ण व्यवस्था करार देते हुए बताया कि वह 2014 से ही इसपर काम कर रहीं हैं। इसमें पलायन करने वाले लोगों का नाम दर्ज करवाकर पंचायत स्तर से यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई भी व्यक्ति और खासकर बच्चा अवैध पलायन का शिकार न हो जाये। महत्वपूर्ण यह है कि यह रजिस्टर न सिर्फ बने बल्कि क्रियान्वयन में रहे। इसमें एंट्री होती रहे। पंचायत इसपर सक्रिय होकर काम करें। इसके साथ ही सेव द चिल्ड्रन संस्था से सुनील कुमार, प्रथम संस्था से सुधीर कुमार, और लोहासी पंचायत से राजीव झा ने बाल संरक्षण विषय पर अपने विचार प्रकट किए। इनका वक्तव्य कुलमिलाकर बच्चों के जीवन मे शिक्षा के प्रभाव और विषम परिस्थिति में बच्चे कैसे अपना मानसिक, शारीरिक और शैक्षणिक चीजों का खयाल रखें इसपर केंद्रित रहा।
इस ऑनलाइन परिचर्चा का संचालन बिहार स्टेट कोऑर्डिनेटर संतोष दुबे ने किया तो वहीं अतिथियों का स्वागत सीतामढ़ी के जिला समन्वयक सत्यप्रकाश द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन केससीएफ की बिहार-झारखंड मैनेजर श्रीमती नीपा दास द्वारा किया गया।