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शहीद भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को दी गयी संसद के दोनों सदनों में श्रद्धांजलि
संसद के दोनों सदनों में मंगलवार को शहीद भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत के 90वें वर्ष के अवसर पर तीनों स्वाधीनता सेनानियों को श्रद्धाजंलि देते हुए उनके अदम्य साहस, बहादुरी एवं मातृभूमि के प्रति प्रेम को याद किया गया। राज्यसभा में सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि 1931 (रिपीट 1931) में आज ही के दिन भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘इन तीनों शहीदों ने न केवल हमारे राष्ट्र को औपनिवेशिक शासन के शिकंजे से मुक्त करने के प्रयास किया बल्कि एक ऐसे न्यायप्रिय एवं समानता वाले समाज की परिकल्पना की जो सांप्रदायिकता, घृणा, आर्थिक भेद एवं पीछे ले जाने वाले विचारों से मुक्त हो। तीनों ही हमारे देश के घर घर में स्वार्थहीन बलिदान एवं राष्ट्रप्रेम के प्रकाशपुंज बन गये हैं और आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करते रहेंगे।’’ सभापति ने कहा, ‘‘इस अवसर पर हमें उन मूल्यों का पालन करने का संकल्प लेना चाहिए जिनके लिए इन शहीदों ने अपने जीवन में संघर्ष किया और जिनके लिए और राष्ट्र के हित के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया।’’ इसके बाद सदस्यों ने इन शहीदों के सम्मान में अपने स्थानों पर कुछ पल खड़े रहकर मौन रखा। वहीं, लोकसभा में पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने कहा कि आज ही के दिन भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने देश की स्वतंत्रता के लिये अपने प्राण न्योछावर किये थे। उन्होंने कहा कि आज हम सभी इन वीर सेनानियों के बलिदान का सिर झुकाकर नमन करते हैं जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी आहुति दी।