नयी दिल्ली। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष समाप्त होने पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) की उपलब्धियों में देश में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन जैसे कदम उठाना, जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करना और करतारपुर गलियारा खोले जाने को शामिल किया गया है। गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई वाले गृह मंत्रालय की उपलब्धियों में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सशक्त बनाने और कानून में संशोधन के बाद मौलाना मसूद अजहर, हाफिज मुहम्मद सईद, जकी उर रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम को आतंकवादी घोषित करने को भी शामिल किया गया है। उपलब्धियों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को शामिल नहीं किया गया है जिसके विरोध में देश के अनेक हिस्सों मे प्रदर्शन हुए थे और पुलिस की गोलीबारी तथा हिंसा की अन्य घटनाओं में 20 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।
गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए अहम उपायों का उल्लेख करते हुए कहा कि 14 मार्च को इसे अधिसूचित आपदा घोषित किया गया था। इसका उद्देश्य राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के तहत सहायता प्रदान करना था। इसमें कहा गया कि 25 मार्च को पहली बार लॉकडाउन लागू हुआ और इसके उपायों को भी तभी से लागू किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए 24 मार्च को 21 दिन के बंद की घोषणा की थी। इसे पहले तीन मई तक और फिर 17 मई तक बढ़ाया गया। बाद में इसे 31 मई तक के लिए और बढ़ा दिया गया। गृह मंत्रालय ने आवश्यक वस्तुओं की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए, लॉकडाउन के कारण फंसे प्रवासी मजदूरों सहित बेघर लोगों को भोजन और आश्रय प्रदान किया। साथ ही कार्यस्थलों के लिए सामाजिक दूरी के नियम के पालन के लिए दिशा निर्देश जारी किए।
गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित राज्यों की स्थिति का आकलन करने और राज्यों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के लिए अंतर मंत्रालयीय केंद्रीय टीमों को वहां भेजा। जम्मू कश्मीर के संदर्भ में, गृह मंत्रालय ने अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त करने को ऐतिहासिक कदम बताया। भारत ने 24 अक्टूबर 2019 को पाकिस्तान के साथ करतारपुर साहिब कॉरिडोर समझौते पर हस्ताक्षर किए। देश के तीर्थयात्री अब करतारपुर साहिब गलियारे से गुरुद्वारा करतारपुर साहिब (पाकिस्तान में) की वीजा-मुक्त यात्रा कर सकते हैं। मंत्रालय ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम में संशोधन किया गया था, जिसके तहत आतंकवाद-रोधी जांच एजेंसी को भारत से बाहर होने वाले आतंकवाद से संबंधित अपराधों की जांच के लिए अतिरिक्त क्षेत्रीय न्यायाधिकार से सशक्त किया गया।