National
कोविड-19 की जांच बढ़कर प्रतिदिन 95,000 हुई: हर्षवर्धन
नयी दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 की जांच बढ़कर प्रतिदिन लगभग 95,000 हो गई है, जबकि 332 सरकारी और 121 निजी प्रयोगशालाओं में अब तक कुल 15 लाख 25 हजार 631 जांच हुई है। स्वास्थ्य मंत्री ने पूर्वोत्तर के राज्यों में कोविड-19 स्थिति और इसके प्रसार को रोकने के लिये उठाये गये कदमों की समीक्षा की। उन्होंने चबाने वाले तंबाकू का उपयोग रोकने और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने को निषिद्ध करने के लिये ठोस कदम उठाये जाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी। अरूणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम के प्रतिनिधियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक में हर्षवर्धन ने कोविड-19 से निपटने में सभी राज्यों के समर्पण की सराहना की।
पानी पर पाकिस्तान ने लगाया झूठा आरोप, भारत ने नकारा
बयान में हर्षवर्धन के हवाले से कहा गया है, ‘‘यह एक बड़ी राहत है और यह देखना बहुत सुखद है कि पूर्वोत्तर के ज्यादातर राज्यों में ‘ग्रीन जोन’ हैं। आज की तारीख में सिर्फ असम और त्रिपुरा में ही कोविड-19 के मामले रह गये हैं। अन्य सभी राज्य ग्रीन जोन में हैं। आइए हम ध्यान केंद्रित करें और ‘ऑरेंज जोन’ को ग्रीन जोन में तब्दील करने के लिये साथ मिल कर काम करें।’’ उन्होंने कुछ राज्यों में चबाने वाले तंबाकू का काफी मात्रा में उपभोग होने और सार्वजनिक स्थानों पर थूके जाने की समस्या के प्रति भी आगाह किया। हर्षवर्धन ने चबाने वाले तंबाकू के उपयोग को प्रतिबंधित करने वाले राज्यों की कोशिशों की सराहना करते हुए कहा, ‘‘इस दिशा में कठोर कदम उठाये जाने की जरूरत है।’’
सिंदुआरी गोली कांड के मृतकों के परिजनों से मिले नवादा सांसद चंदन सिंह, परिवार को दिया न्याय का भरोसा
स्वास्थ्य मंत्री ने कोविड-19 की जांच के बारे में कहा, ‘‘देश में जांच बढ़ गई है और 332 सरकारी एवं 121 निजी प्रयोगशालाओं की बदौलत यह प्रतिदिन 95,000 हो गई है। अभी तक कोविड-19 की 15 लाख 25 हजार 631 जांच हुई है।’’ शनिवार सुबह आठ बजे तक त्रिपुरा में 118, असम में 59, मेघालय में 12, मणिपुर में दो जबकि मिजोरम और अरूणाचल प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक-एक मामले सामने आये हैं। मेघालय और असम में अभी तक एक-एक मरीज की मौत हुई है। बयान में कहा गया है कि जिन राज्यों की अंतरराष्ट्रीय सीमाएं हैं, उन्हें सीमावर्ती इलाकों में प्रवेश स्थानों पर सभी लोगों की निगरानी के लिये उपयुक्त कदम उठाने की जरूरत है।