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सुशांत सिंह की मौत के बाद बॉलीवुड के क्रूर रवैये को लेकर कलाकारों ने उठाए सवाल
मुंबई। अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत ने बॉलीवुड में जीवन के लिए संघर्ष को फिर से चर्चा में ला दिया है। फिल्म जगत से जुड़े कई लोगों ने इस उद्योग के क्रूर और अक्षम्य व्यवहार विशेषकर फिल्मी दुनिया में बाहर से आने वाले लोगों के प्रति, कोव्यक्त करते हुए बॉलीवुड के खोखलेपन को लेकर निशाना साधा। अभिनेता (34) ने बांद्रा स्थित अपने घर में कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुम्बई पुलिस को जांच में पता चला है कि अभिनेता अवसाद का इलाज भी करा रहे थे। दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्र रहे राजपूत ने 2002 में कॉलेज छोड़ दिया और मनोरंजन जगत में काम के लिए पहुंचे। शुरुआत में बैकग्राउंड डांसर रहे सुशांत को2009 में टेलीविजन धारावाहिक ‘पवित्र रिश्ता’ से लोकप्रियता मिली थी। यह धारावाहिक वर्ष 2009 से 2011 तक चला था जिसकी निर्माता एकता कपूर थीं। टेलीविजन धारावाहिक ‘पवित्र रिश्ता’ में निभाए किरदार से मशहूर हुए अभिनेता ने 2013 में ‘काय पो छे !’ से फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने ‘शुद्ध देसी रोमांस’, ‘एम एस धोनी : द अनटोल्ड स्टोरी’, ‘राबता’, ‘केदारनाथ’ और ‘सोनचिड़िया’ जैसी फिल्मों में काम किया था। अपने ट्वीट में दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता धर्मेन्द्र ने कहा कि वह सुशांत को व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानते थे लेकिन उनकी मौत यह बताती है कि इंड्रस्ट्री कितनी निर्दयी हो सकती है। उन्होंने लिखा, “प्यारे सुशांत, ना फिल्म देखी ना कभी मिला तुमसे…पर तेरे चले जाने से बड़ा सदमा लगा। यह हमारा दिखावे का कारोबार बहुत निर्दयी है। मैं तुम्हारा दर्द समझ सकता हूं। इस दुख की घड़ी में तुम्हारे परिवार और दोस्तों के के प्रति संवेदनाएं।” अभिनेत्री मीरा चोपड़ा ने फिल्म जगत में काम करते हुए जो अकेलापन महसूस होता है उसे लेकर एक पोस्ट लिखा है।
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उन्होंने ट्वीट किया, “ हम सभी को पता था कि सुशांत लंबे समय से अवसाद से जूझ रहा था लेकिन हमने क्या किया? उसके करीबियों का समूह कहां था, निर्माता-निर्देशक जिन्होंने उसके साथ काम किया, उसके करीबी दोस्त? क्यों किसी ने उसके पास जाकर उसकी मदद नहीं की…उसे वह प्यार नहीं दिया जो वह चाहता था..क्योंकि किसी को फर्क नहीं पड़ता।” चोपड़ा ने कहा कि फिल्म जगत राजपूत को बचा नहीं पाया और अब बॉलीवुड कभी पहले जैसा नहीं रह पाएगा। उन्होंने लिखा, “यह सच है कि बॉलीवुड एक छोटे से परिवार जैसा है लेकिन एक ऐसा परिवार जो जरुरत के समय कभी आपके पास नहीं होता। इस परिवार को अपने दर्द का एहसास कराने के लिए उसे अपनी जान लेनी पड़ी। यहां बाहर से आया हुआ हर इंसान हमेशा बाहरी होने का ही अहसासकरता है।” उन्होंने कहा, “मैं फिल्म जगत के लोगों से केवल यह कहना चाहती कि लोगों को जब जरुरत हो तो उनकी मदद करें, और आपको पता होता है कि उन्हें जरुरत कब है। उनके जाने के बाद ट्वीट करने का कोई मतलब नहीं है। अब दुखी होने का नाटक ना करें जब उसके दुखी रहने पर आपने कुछ नहीं किया। ऐसा पाखंड भरा समाज बनाना बंद करो।” अभिनेता गुलशन देवैया ने कहा कि अभिनेता होने के नाते हमें पता है कि राजपूत ने यह कदम क्यों उठाया होगा। देवैया ने लिखा, “अभिनेता होने के नाते हमें पता है कि राजपूत ने यह कदम क्यों उठाया होगा। इसीलिए अगर आप उसे नहीं भी जानते हो तब भी यह बहुत भयावह है। यह एक बहुत कठिन खेल है और उसने इसे अच्छे से खेल भी, लेकिन अंत में खेल जीत गया।” मर्द को दर्द नहीं होता के अभिनेता ने चोपड़ा के ट्वीट का हवाला देते हुए बॉलीवुड को परिवार मानने के विचार को खारिज किया। उन्होंने लिखा, “अगर किसी को लगता है कि यह एक परिवार है तो यह उसकी गलतफहमी है। यह काम करने की जगह के नाम पर एक काल्पनिक दुनिया है और कुछ नहीं है। मैं किसी को नीचा नहीं दिखाना चाहता हूं लेकिन अगर इससे कोई आहत हो तो मुझे माफ करें।”
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रविवार को अभिनेता-निर्माता निखिल द्विवेदी ने कड़े शब्दों में ट्वीट कर कहा कि फिल्म जगत के लोग सुशांत से संपर्क में नहीं रहने पर आज दुख जताने का ढोंग कर रहे हैं। द्विवेदी ने लिखा, “ सब कह रहे हैं कि उन्हें सुशांत से संपर्क में रहना चाहिए था। लेकिन सच यह है कि आप लोग सुशांत के साथ संपर्क में नहीं थे क्योंकि उसका करियर ढलान पर था। क्या आप अभी इमरान खान, अभय देओल और बाकियों के टच में हैं? नहीं, लेकिन आप तब थे जब ये लोग अच्छा कर रहे थे।” इसी तरह का रोष प्रकट करते हुए फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने बिना नाम लिए कहा कि इसके बाद बॉलीवुड प्रिविलेज क्लब को बैठकर सोचना चाहिए। उन्होंने कहा, अब मुझे और कुछ कहने के लिए मत कहिए। फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने ट्वीट किया, “फिल्म जगत में बाहर से आए हुए कई नौजवान हैं। आप सब याद रखें कि यह प्रतिष्ठान तुम्हें तबतक सबसे महत्वपूर्ण महसूस कराएगा जबतक इसे तुम्हारी जरुरत है। जैसे ही तुम कमजोर पड़े यह तुम्हारा दामन छोड़ देगा। पहले जो तुम्हारी सफलताओं को जश्न मनाते थे वहीं कुछ समय बाद तुम्हारी असफलता का जश्न मनाएंगे।“ मेहता ने कहा कि जो फिल्मी परिवारों से नहीं आते उन लोगों के लिए यह समझनाजरुरी है कि इसमें घुलने-मिलने के लिए खुद पर दबाव डालना जरुरी नहीं है। हेयरस्टाइलिस्ट से निर्दोशक बनी सपना भवनानी ने दावा किया कि सुशांत की मानसिक स्थिति के बारे में फिल्म जगत के लोग जानते थे लेकिन फिर भी सब ने मुंह मोड़ रखा था। उन्होंने ट्वीट किया, “सुशांत पिछले कई सालों से मुश्किल वक्त से गुजर रहा था और यह कोई छिपी बात नहीं थी। लेकिन किसी ने भी उसकी तरफ मदद का हाथ नहीं बढ़ाया। आज लोगों के ट्वीट ही इस फिल्म जगत के खोखलेपन को बयां कर रहे हैं। यहां कोई आपका दोस्त नहीं है।