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राजद सरकार बनने पर बिहार के 10 लाख युवाओं को स्थायी नौकरी देंगे: तेजस्वी

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राजद सरकार बनने पर बिहार के 10 लाख युवाओं को स्थायी नौकरी देंगे: तेजस्वी

बिहार में विपक्षी महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राजद के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने रविवार को कहा कि सत्ता में आने पर मंत्रिमंडल की पहली बैठक में राज्य के 10 लाख युवाओं को स्थायी नौकरी देंगे। पटना स्थित राजद के प्रदेश कार्यालय में रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए तेजस्वी ने कहा, ‘‘हमारी सरकार बनने पर मंत्रिमंडल की पहली बैठक में हम राज्य के 10 लाख युवाओं को स्थायी नौकरी की मंजूरी देंगे।’’ उन्होंने कहा कि राजद द्वारा पिछले पांच सितंबर को शुरू ‘बेरोज़गारी हटाओ’ पोर्टल पर अब तक नौ लाख से ज्यादा बेरोज़गार युवाओं और 13 लाख सेज्यादा लोगों ने टोल फ़्री नम्बर पर मिस्ड कॉल किया। अब तक कुल 22 लाख 58 हज़ार 950 लोगों ने निबंधन कराया है। तेजस्वी ने दावा किया कि बिहार में चार लाख 50 हज़ार रिक्तियाँ पहले से ही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, गृह विभाग सहित अन्य विभागों में राष्ट्रीय औसत एव तय मानकों के हिसाब से बिहार में अभी भी 5 लाख 50 हज़ार नियुक्तियों की अत्यंत आवश्यकता है। अकेले स्वास्थ्य विभाग में ही ढाई लाख लोगों की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के स्वास्थ्य मानक के अनुसार प्रति 1000 आबादी पर एक डॉक्टर होना चाहिए लेकिन बिहार में 17 हज़ार की आबादी पर एक डॉक्टर है। इस हिसाब से बिहार में एक लाख पचीस हज़ार डॉक्टरों की ज़रूरत है। तेजस्वी ने कहा कि उसी अनुपात में सहायक कर्मियों जैसे नर्स,लैब टेक्निशियन एवं फ़ार्मसिस्ट की ज़रूरत है। उन्होंने दावा किया कि राज्य में पुलिसकर्मियों के 50 हजार से अधिक पद रिक्त हैं। तेजस्वी ने दावा किया कि बिहार में 1.26 लाख पुलिसकर्मियों की जरूरत है। तेजस्वी ने दावा किया कि बिहार में शिक्षा क्षेत्र में तीन लाख शिक्षकों की ज़रूरत है। प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर ढाई लाख से अधिक स्थायी शिक्षकों की पद रिक्त है। कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर लगभग 50 हज़ार प्रोफ़ेसरों की आवश्यकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में 35 हज़ार के लगभग ऐसे विद्यालय हैं जहाँ एक ही शिक्षक हैं। उन्होंने दावा किया कि राज्य में जूनियर इंजीनियर के 66 प्रतिशतपद ख़ाली हैं।

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तेजस्वी ने कहा कि पथ निर्माण, जल संसाधन, भवन निर्माण, बिजली विभाग तथा अन्य अभियांत्रिक विभागों में लगभग 75 हज़ार अभियंताओं की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा लिपिकों, सहायकों, चपरासी और अन्य वर्गों के लगभग दो लाख पद भरने की आवश्यकता है ताकि काम-काज सुचारू रूप से चल सके और कार्य में निपुणता और गुणवता आ सके। तेजस्वी ने कहा हमारी पहली कैबिनेट बैठक में इन पदों को भरने की क़वायद शुरू होगी, विज्ञापन निकाला जाएगा और एक तय समय सीमा के नियुक्तियां की जाएंगी। बहरहाल, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार सुशील मोदी ने ट्वीट कर कहा कि राजद को पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की तस्वीर चुनावी पोस्टर से गायब करने से पहले उनके 15 साल के कुशासन पर विस्तृत श्वेतपत्र जारी करना चाहिए। सुशील ने राजद पर हमला करते हुए कहा , ‘‘विपक्षी दल को बताना चाहिए कि 118 नरसंहार कैसे हुए, पीड़ितों के लिए तत्कालीन सरकार ने क्या किया, चारा-अलकतरा- बीएड डिग्री जैसे बड़े घोटाले क्यों हुए और घोटाले के पैसे से कितनी बेनामी सम्पत्तियां खरीदी गई।’’ उन्होंने राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि जो बिना जमीन लिखवाये चपरासी तक की नौकरी नहीं देते थे, उनके राजनीतिक वारिस यदि सरकार बनने पर पहली कैबिनेट बैठक में 10 लाख लोगों को नौकरी देने का फैसला करने का वादा कर रहे हैं, तो इस पर कौन भरोसा करेगा? सुशील ने कहा कि तीन साल में जदयू, हम और रालोसपा के हटने के बाद महागठबंधन बिखर चुका है और राजद केवल जनाधारहीन कांग्रेस और वामपंथियों के भरोसे रह गया है। उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले जिस दल के कई विधायक और मित्र दल साथ छोड़ चुके हैं, वह केवल सपने देख सकता है।

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