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जेएनयू और फोर्ज की साझेदारी में ‘इनोवेशन स्प्रिंट’ की हुई लॉन्चिंग

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जेएनयू और फोर्ज की साझेदारी में ‘इनोवेशन स्प्रिंट’ की हुई लॉन्चिंग

नई दिल्ली। अटल इन्क्यूबेशन सेंटर-जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी फाउंडेशन फ़ॉर इनोवेशन (AIC-JNUFI) और कोयम्बटूर स्थित शक्ति ग्रुप के एक उपक्रम फोर्ज के संयुक्त तत्वाधान में तीन चरणों मे “इनोवेशन स्प्रिंट” का आयोजन किया जाएगा। जिसमे जे. एन. यू. के छात्रों, पूर्व छात्रों, शोधकर्ताओं तथा स्टार्टअप्स को विशेष रूप से लाभ होगा।
इसका ऑनलाइन लॉन्चिंग आज दिनांक 17 अप्रैल को जे. एन. यू. के उपकुलपति प्रोफ़ेसर एम. जगदीश कुमार व अटल इनोवेशन मिशन (AIM), नीति आयोग के पूर्व मिशन डायरेक्टर रामानन रामनाथन द्वारा की गई। इस दौरान फोर्ज के सी. ई. ओ. श्री सहस्रनामम व आई आई सी (इन्स्टिटूशनल इनोवेशन काउन्सिल), जे. एन. यू. के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर राणा प्रताप सिंह समेत अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।
गणमान्यों के स्वागत के बाद ‘इनोवेशन स्प्रिंट’ के विचारों, उद्देश्यों के बारे में बताते हुए AIC-JNUFI के सी. ई. ओ. श्री कवींद्र कुमार ने बताया कि AIC-JNUFI जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय की ही एक “नॉन प्रॉफिट कंपनी” है जिसे अटल इनोवेशन मिशन से सहयोग प्राप्त है और इसे जे. एन. यू. के उपकुलपति की अध्यक्षता वाली गवर्निंग बॉडी का संरक्षण प्राप्त है। डॉ हेमंत कुशवाहा इसके इनोवेशन व इन्क्यूबेशन के समन्वयक के रूप में सेवारत हैं।
लॉन्चिंग कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियो को संबोधित करते हुए जे. एन. यू. के उपकुलपति प्रो. एम. जगदीश कुमार ने कहा कि “जे. एन. यू. जैसे संस्थान की भूमिका समाज और तकनीक के बीच एक स्वस्थ कड़ी स्थापित करने की होनी चाहिए। इसके लिए ऐसे प्रयास किये जायें, जिससे एक ऐसे वातावरण का निर्माण हो, जहाँ हर एक बुद्धिजीवी को चाहे वह नैतिकतावादी हो, दार्शनिक हो, वैज्ञानिक हो, समाजशास्त्री हो या किसी अन्य क्षेत्र से हों, सभी एक दूसरे के साथ मिलकर, आधारभूत शोध कार्यों और तकनीक का सहारा लेकर नवीनीकरण (इनोवेशन) का मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास करें।
पूर्व मिशन डायरेक्टर रामानन रामनाथन ने छात्रों को संबोधन के क्रम में इन्क्यूबेशन और स्टार्टअप्स के महत्व पर जोड़ देते हुए छात्रों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि आपको केवल समस्याओं पर ध्यान देना है और उनपर गौर करते हुए आप सभी को इस बात पर मेहनत करनी है कि स्टार्टअप्स और इन्क्यूबेशन के तहत प्रदत्त संसाधनों तथा अन्य उपकरणों, तकनीकों के सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है।
आई आई सी, जेएनयू के अध्यक्ष प्रो. राणा प्रताप सिंह ने अलग-अलग कार्य व शिक्षा क्षेत्रो से आये छात्रों का अभिवादन करते हुए कहा कि छात्रों को अपने नए विचारों के सही मूल्यांकन करना चाहिए। श्री सिंह ने छात्रों को अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता की धारणा के बारे में बताते हुए आज के समय मे इसकी प्रासंगिकता को समझाया।
फोर्ज एक्सेलरेटर के सी. ई. ओ. श्री सहस्रनामम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मिशन व फोर्ज की उपलब्धियों व राष्ट्र स्तरीय औधोगिक डिजिटल बदलाव को उत्प्रेरित करने में फोर्ज की भूमिका पर बल दिया। उन्होंने इस तथ्य पर विशेष जोड़ देते हुए बताया कि फोर्ज साक्ष्य आधारित उद्यमिता को मार्गदर्शक के रूप में प्रयोग करता है और इसी संकल्पना से ज्ञान व क्षमता का भी विकास संभव हो पाता है।
इस प्रोग्राम में आविष्कारकों (इन्नोवटर्स) द्वारा मानव केंद्रित डिज़ाइन को आधार मानकर नए आविष्कार व तकनीक के इस्तेमाल से जमीनी समस्याओं के निराकरण की दिशा में मजबूत प्रयास किया जाएगा। इस दिशा में यह भी ध्यान रखा जाना है कि तकनीक व आविष्कार की कीमत नियंत्रण में ही रहे।
प्रतिभागियों को सीखने, अभ्यास करने, अपने नए विचारों को प्रस्तुत करने आदि के उद्देश्य से ‘इनोवेशन स्प्रिंट’ के अगले दो चरणों का आयोजन किया जाना है। पहला चरण जागरूकता और विचार प्रकटीकरण पर आधारित होगा। दूसरे चरण के तहत विशषज्ञों द्वारा विचारों (आईडिया) के संशोधन कर उन्हें मजबूत व उपयोगी बनाने पर बल दिया जाएगा।

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