Politics
बाल श्रम व बाल दुर्व्यापार मुक्त ‘कटिहार’ को लेकर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन द्वारा परिचर्चा का आयोजन
कटिहार। कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन की कटिहार जिला इकाई के तत्वाधान में ऑनलाइन परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें कोरोना काल में बाल संरक्षण तथा इस दिशा में ग्राम पलायन पंजी तथा ग्राम बाल संरक्षण समिति की भूमिका समेत बाल श्रम एवं बाल दुर्व्यापार को समाप्त करने की दिशा में सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गहन चर्चा हुई।
परिचर्चा की शुरुआत कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के बिहार राज्य समन्वयक संतोष दुबे द्वारा की गई जिसमें उन्होंने संस्था द्वारा बिहार राज्य में किये जा रहे कार्यों के बारे में बताया। इसके बाद बिहार-झारखंड की मैनेजर नीपा दास द्वारा एक प्रेजेंटेशन के माध्यम से ग्राम बाल संरक्षण समिति एवं ग्राम पलायन पंजी यानी विलेज माइग्रेशन रजिस्टर की महत्ता और उपयोगिता विषय पर विस्तृत जानकारी दी गयी। इस दौरान उन्होंने जानकारी दी कि कटिहार जिले के अंतर्गत कुल तकरीबन 94 ग्राम पलायन पंजी का गठन किया जा चुका है व आगे के लिए प्रयास जारी है।
परिचर्चा को संबोधित करते हुए जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रविन्द्र कुमार ने कहा कि कटिहार जिला से बाल श्रम मिटाने के लिए गांव स्तर पर बाल संरक्षण समिति का क्रियान्वयन बहुत जरूरी है। अब तक इसका सुचारू ढंग से क्रियान्वयन नहीं हो पाया है। इसके लिए सतर्कता समिति का गठन हो जिसमें मुखिया के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण लोग जैसे जीविका दीदी, समाज के प्रभावी व्यक्ति आदि शामिल हों।
अपने संबोधन में कटिहार जिले के बाल संरक्षण इकाई की काउंसलर शलजरी अख्तरी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से ग्राम बाल संरक्षण इकाई काफी अहम है और इसके सदस्यों को अपने दायित्वों का निर्वहन करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि बाल संरक्षण इकाई को फंक्शनल रखने की जरूरत है। बाल फलका ब्लॉक के भंगहा पंचायत की मुखिया श्रीमती किरण पटेल ने अपने संबोधन में बताया कि कैलाश सत्यार्थी जी की संस्था की पहल से ग्राम पलायन पंजी और ग्राम बाल संरक्षण समिति का सुदृढ़ीकरण, गठन का कार्य सराहनीय प्रयास है। लेकिन इस बाबत ब्लॉक स्तर से निर्देश हो जाये तो पंचायत स्तर पर कार्य मे तेजी दिखेगी। परिचर्चा में अपनी बात रखते हुए लेबर इंस्पेक्टर, कटिहार प्रिंस कुमार ने कहा कि बच्चों से जुड़े मामलों में हम कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन के सहयोग लेकर बाल श्रम और बाल दुर्व्यापार के खिलाफ चल रही मुहिम का हिस्सा रहेंगे।
लोक अदालत से रेणु तिवारी ने कहा कि ग्राम पलायन पंजी का सक्रिय होना बाल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
बारसोई प्रखंड के जिला परिषद मो .आफताब ने जन जागरूकता और शिक्षा के महत्व को समझाते हुए बताया कि शिक्षा सिर्फ नौकरी के लिए नहीं होती है, यह सुरक्षा की दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।
कटिहार जिले से सर्वाइवर लीडर (बाल श्रम मुक्त युवा) मो. छोटू ने बताया कि कैसे बाल मजदूरों का शोषण किया जाता है और बच्चों को तरह तरह की यातनाएं झेलनी पड़ती है। इस दिशा में पंचायत को सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है, इस स्तर से ही बाल श्रम व बाल दुर्व्यापार को समाप्त किया जा सकता है।
गौरतलब है कि इस परिचर्चा में बाल श्रम व बाल दुर्व्यापार, बाल विवाह व अन्य शोषणों के खिलाफ उपस्थित सभी गणमान्यों ने अपनी एकजुटता दिखाई। सभी ने बाल श्रम और बाल दुर्व्यापार मुक्त कटिहार को लेकर सबने अपनी प्रतिबद्धता दिखाई। कार्यक्रम का संचालन कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन की जिला समन्वयक रश्मि प्रिया ने किया।