Politics
Delhi को नए CM का इंतजार, राजधानी से पूरे देश को मैसेज मिलेगा इस बार?
दिल्ली की विकास यात्रा व खासकर पिछले ३ दशकों के राजनीतिक सफर में मैडम सुषमा स्वराज एवं मैडम शीला दीक्षित जी की बड़ी भूमिका रही है। दोनों ही नेत्रियों ने दिल्ली को दिल से चलाया। आज दिल्ली का जो इंफ्रास्ट्रक्चर देखने को मिलता है, यकीन मानिए अधिकांश विकास कार्य १९९५ के बाद ही हुए हैं। पिछले एक दशक (केजरीवाल शासन) के दौरान एक राजनीतिक प्रयोग की उपज वाली सरकार ने फ्री दाना पानी के कारण इंफ्रास्ट्रक्चर संबंधित विकास की गति कम तो किया ही, दिल्ली को विवादों में रखा। अकाउंटेबिलिटी की कमी के साथ सरकार चलाई गई। केंद्र से भी सौतेला वाला प्यार मिला।
अब सम्पन्न हुए चुनाव में भाजपा जिस स्थिति में आ पाई है, इसकी उम्मीद शीर्ष नेतृत्व को २०१३ में ही थी, लेकिन लगातार दो चुनावों में मुंह की खानी पड़ी। उस समय भाजपा और कांग्रेस के बड़े बड़े दिग्गज अपनी सीट हार गए थे, जैसे आज के आप वाले। राजनीति में यह नॉर्मल बात है। कांग्रेस की शिला दीक्षित से बड़ा कोई आप का नेता थोड़ी न है।
अब देखना होगा कि भाजपा दिल्ली का मुख्यमंत्री किसे बनाता है? परवेश वर्मा की भी राजनीतिक विरासत है, इसी तरह बांसुरी स्वराज भी। बिजेंद्र गुप्ता सीनियरिटी के आधार पर या फिर भजन लाल या मोहन यादव जैसा कोई नया चेहरा। मुहर जिसके भी नाम पर लगे, यह खयाल रखा जाए कि यह दिल्ली है, इसका मैसेज पूरे देश में जायेगा, इसलिए किसी पॉलिटिकल हस्ती में विश्वास दिखाया जाना ही उचित होगा।
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