Bihar
कोरोना के साथ ही भीषण बाढ़ ने बढ़ाई बिहार की मुसीबत
आशुतोष.
पटना। कोरोना महामारी के कारण पहले से त्रस्त बिहार अब भीषण बाढ़ की चपेट में है। गत दिनों नेपाल में हुई भारी बारिश और गंगा नदी के बढ़े हुए जलस्तर ने बिहार की कई प्रमुख नदियों के जलस्तर को एकाएक चिंताजनक मानक पर ला खड़ा कर दिया है। इन नदियों में बागमती,गंडक, बूढ़ी गंडक, कोसी, महानंदा और कमला बलान जैसी प्रमुख नदिया हैं जिनका जल स्तर उफान पर है। बाढ़ के कारण हजारों की संख्या में लोगो को ऊंचे स्थानों की तलाश करते हुए पलायन करना पड़ रहा है। सूत्रों के अनुसार हजारों की संख्या में लोग निरंतर पलायन किये जा रहे है। वही गंडक नदी के बढ़े हुए जलस्तर के चलते कई जिले बुरी तरह से प्रभावित व क्षतिग्रस्त हुए है। गंडक में बढ़े जल स्तर के कारण पश्चिमी चंपारण के दो दर्जन से भी अधिक गाँव जलमग्न हो चुके हैं। वही पूर्वी चंपारण में गंडक नदी के तटवर्ती इलाकों का पानी किनारों और गाँवो में फैलता जा रहा है। गंगा और बूढ़ी गंडक के बढ़ते जलस्तर ने समस्तीपुर जिले की चिंता बढ़ा दी है। बाढ़ के कारण नेशनल हाईवे समेत कई प्रमुख स्थल जलमग्न हो चुके है जिसके चलते सड़क सम्पर्क व्यवस्था को बुरी तरह नुकसान पहुचा है।
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अब तक मिल रहे आंकड़ों के अनुसार इस बाढ़ के चलते करीब करीब 150 से अधिक गाँव इस मुश्किल त्रासदी के शिकार हुए है।
बाढ़ का सबसे ज्यादा असर मोतिहारी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी में देखने को मिल रहा है। बिहार सरकार ने इस त्रासदी से निपटने की दिशा में NDRF की टीम तैनात कर चुकी है। कटिहार, अररिया, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, मोतिहारी, बेतिया, नालंदा, छपरा, पटना तथा बक्सर आदि बाढ़ प्रभावित जिलों में NDRF की 13 टीमें तैनात की गई है।