National
गिरफ्तार पत्रकार राजीव शर्मा सीमा पर भारत की रणनीति की जानकारी चीन को दे रहा था: पुलिस
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कहा कि गिरफ्तार पत्रकार राजीव शर्मा सीमा पर भारतीय रणनीति और सैनिकों की तैनाती संबंधी संवेदनशील जानकारी कथित तौर पर चीनी खुफिया एजेंसियों को दे रहा था। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के उपायुक्त (डीसीपी) संजीव कुमार यादव ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पुलिस इस बारे में जांच कर रही है कि स्वतंत्र (फ्रीलांस) पत्रकार शर्मा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट और ईमेल आईडी के जरिये चीनी खुफिया अधिकारियों को क्या जानकारी कथित तौर पर उपलब्ध कराई। पूछताछ के दौरान शर्मा द्वारा दिये गये बयान के आधार पर एक चीनी महिला और उसके नेपाली सहयोगी को भी शनिवार सुबह गिरफ्तार किया गया। डीसीपी ने बताया, ‘‘चीनी महिला और उसके सहयोगी दिल्ली के महिपालपुर इलाके में शेल कंपनियों के निदेशक थे तथा वे चीन को दवाइयों का निर्यात करते और इसके बदले में मिली मोटी रकम यहां अपने एजेंटों को देते।’’ उल्लेखनीय है कि जिन कंपनियों को सिर्फ वित्तीय धोखाधड़ी के लिए बनाया जाता है ,या जिन्हें भविष्य के इस्तेमाल के लिए निष्क्रिय रखा जाता है उन्हें शेल कंपनियां कहा जाता है। पुलिस बताया कि चीनी खुफिया अधिकारी मिचाइल ने कथित तौर पर 2016 में शर्मा से संपर्क किया था और उसने 2018 तक उनसे संवेदनशील जानकारी कथित तौर पर साझा की थी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि शर्मा एक सोशल मीडिया मंच के जरिये मिचाइल के संपर्क में आया और वह चीन भी गया था, जहां उसे आकर्षक प्रस्ताव दिये गये थे। उन्होंने बताया कि शर्मा ने कथित तौर पर रक्षा से संबंधित संवेदनशील जानकारी चीनी खुफिया अधिकारी को देनी शुरू कर दी। पुलिस ने दावा किया कि मिचाइल ने शर्मा की चीन की यात्रा का पूरा खर्च भी उठाया। डीसीपी ने दावा किया, ‘‘2019 में शर्मा, जॉर्ज नाम के एक अन्य चीनी खुफिया अधिकारी के संपर्क में आया और उसने भारत की रक्षा से संबंधित जानकारी को साझा करना जारी रखा।’’
अगले सप्ताह के मध्य तक खत्म हो सकता है संसद का मानसून सत्र
पुलिस अधिकारी के मुताबिक शर्मा 40 साल से पत्रकारिता में था और 2010 से वह स्वतंत्र (फ्रीलांस) पत्रकार के रूप में काम कर रहा था। उन्होंने दावा किया कि शर्मा को “गत डेढ़ साल में 40-45 लाख रुपये मिले। उसे प्रत्येक जानकारी के बदले 1,000 अमेरिकी डॉलर (मौजूदा विनिमय दर के हिसाब से करीब 73 हजार रुपये) मिलते थे।” उन्होंने बताया कि शर्मा कुछ भारतीय मीडिया संस्थानों के साथ-साथ चीन के ग्लोबल टाइम्स अखबार के लिए भी रक्षा मामलों पर लिखा करता था। उन्होंने बताया कि उसने पूर्व में यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया, द ट्रिब्यून, हिंदुस्तान टाइम्स और द टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ काम किया था। संवाददाता सम्मेलन के दौरान पुलिस ने कहा कि शर्मा के पास पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) का मान्यता कार्ड भी था, जिससे जाहिर होता है कि मंत्रालयों में वह आसानी से पहुंचता था। डीसीपी ने कहा, ‘‘शर्मा भारत-चीन सीमा विवाद के बारे में, चीन के साथ सीमा पर मौजूदा गतिरोध, सेना की तैनाती और रक्षा खरीद तथा भारत सरकार की सीमा पर रणनीति के बारे में चीनी खुफिया अधिकारी को निरंतर जानकारी दे रहा था। ’’ यह पूछे जाने पर कि क्या गोपनीय जानकारी शर्मा ने साझा की थी, डीसीपी ने कहा, ‘‘हम उसके सोशल मीडिया अकाउंट और ईमेल आईडी को अन्य एजेंसियों के जरिये खंगाल रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि उसने चीनी खुफिया के साथ क्या जानकारी साझा की थी। ’’ यह पूछे जाने पर कि क्या किसी मंत्रालय का कोई अधिकारी भी संलिप्त था, डीसीपी ने कहा कि उसके सोशल मीडिया अकाउंट और ईमेल आईडी को खंगालने के बाद यह पता चल सकता है कि कहां से गोपनीय दस्तावेज लीक हुए थे। उन्होंने बताया कि कि भारतीय खुफिया सूचना के आधार पर जब 14 सितंबर को शर्मा कोगिरफ्तार किया गया था, तब उसके घर सेपुलिस ने रक्षा से जुड़े कुछ गोपनीय दस्तावेज भी जब्त किये थे।