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उपभोक्ता मांग बढ़ाएगी सरकार, एलटीसी के एवज में नकद वाउचर, त्योहारों के लिए अग्रिम देने की घोषणा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने त्योहारी सीजन में उपभोक्ता मांग में सुधार तथा अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए सरकारी कर्मचारियों को अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी) के एवज में नकद वाउचर देने की घोषणा की है। इसके अलावा केंद्र सरकार के अधिकारियों और कर्मचारियों को 10,000 रुपये का विशेष त्योहार अग्रिम (फेस्टिवल एडवांस) भी देने की घोषणा की गई है। यह अग्रिम ब्याज-मुक्त होगा और इसकी वापसी 10 किस्तों में करनी होगी। वहीं एलटीसी के एवज में नकद वाउचर का इस्तेमाल कर्मचारी ऐसा गैर-खाद्य सामान खरीदने पर खर्च कर सकते हैं, जिनपर 12 प्रतिशत या अधिक का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगता है। सीतारमण ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में अतिरिक्त पूंजीगत व्यय तथा राज्यों को 12,000 करोड़ रुपये का ब्याज-मुक्त ऋण देने की भी घोषणा की। राज्यों को यह कर्ज 50 साल के लिए दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार अपने कर्मचारियों को एलटीसी के एवज में आयकर-मुक्त नकद वाउचर देगी। कर्मचारी इन वाउचर का इस्तेमाल ऐसे उत्पाद खरीदने के लिए कर सकते हैं जिन पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत या अधिक है। इस शर्त की मतलब यह है कि कर्मचारी इस वाउचर का इस्तेमाल खाद्य उत्पाद खरीदने के लिए नहीं कर सकते हैं। प्रत्येक चार साल में सरकार अपने कर्मचारियों को उनकी पसंद के किसी गंतव्य की यात्रा के लिए एलटीसी देती है। इसके अलावा एक एलटीसी उन्हें उनके गृह राज्य की यात्रा के लिए दिया जाता है। सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी की वजह से कर्मचारियों के लिए इस साल यात्रा करना मुश्किल है। ऐसे में सरकार ने उन्हें नकद वाउचर देने का फैसला किया है। इसे 31 मार्च, 2021 तक खर्च करना होगा। केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम और बैंक भी अपने कर्मचारियों को एलटीसी के स्थान पर नकदी देंगे। इसके अतिरिक्त सरकार ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को त्योहार अग्रिम के रूप में 10,000 रुपये देने की घोषणा की है। सीतारमण ने कहा कि इन दो उपायों से 28,000 करोड़ रुपये की उपभोक्ता मांग पैदा होने की संभावना है। सरकार ने इस साल मई में 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा की थी। अब सरकार त्योहारी सीजन के दौरान मांग को प्रोत्साहन देने के कदम उठा रही है। आमतौर पर त्योहारी सीजन में लोग अधिक खर्च करते हैं। कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने सख्त लॉकडाउन लगाया था।
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इससे अप्रैल-जून की तिमाही में अर्थव्यवस्था में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट आई थी। सीतारमण ने कहा कि राज्यों को ऋण और अतिरिक्त पूंजीगत खर्च को मिलाकर, ‘‘एक मोटा-मोटा अनुमान है कि एलटीसी कर लाभ से निजी क्षेत्र का संभावित खर्च सरकार की कर्मचारियों की अगुवाई वाली मांग 28,000 करोड़ रुपये के बराबर रहेगा। कुल अतिरिक्त मांग एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहेगी।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार की ओर से किए जाने वाले उपायों से आम नागरिक पर बोझ नहीं पड़ना चाहिए। न ही इससे भविष्य की मुद्रास्फीति प्रभावित होनी चाहिए। इसके अलावा सरकार का कर्ज भी ऐसी दिशा में अग्रसर नहीं होना चाहिए, जो टिक नहीं सकता हो। सीतारमण ने कहा, ‘‘आज का समाधान कल की समस्या नहीं बनना चाहिए।’’ सीतारमण ने कहा कि प्रत्येक चार साल में सरकार अपने कर्मचारियों को उनकी पसंद के किसी गंतव्य की यात्रा के लिए एलटीसी देती है। इसके अलावा एक एलटीसी उन्हें उनके गृह राज्य की यात्रा के लिए दिया जाता है। कर्मचारी दो बार अपने गृह प्रदेश जाने के लिए भी एलटीसी ले सकते हैं। कर्मचारियों को उनके पद या पात्रता के हिसाब से विमान या ट्रेन का किराया दिया जाता है। एक एलटीसी पर सरकार कर्मचारियों को ‘लीव एनकैशमेंट’ का पूरा भुगतान करेगी। और साथ ही तीन स्लैब के आधार पर किराये का भुगतान करेगी। सीतारमण ने कहा कि इस योजना का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों को किराये का तीन गुना और लीव एनकैशमेंट के एक गुना के बराबर सामान या सेवाएं 31 मार्च, 2021 तक खरीदनी होंगी। यह राशि ऐसे उत्पादों पर खर्च करनी होगी जिनपर जीएसटी 12 प्रतिशत या अधिक है। उन्होंने कहा कि एलटीसी के लिए सरकार 5,675 करोड़ रुपये खर्च करेगी। वहीं केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों तथा बैंकों को इस सुविधा पर अनुमानित 1,900 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि इस कदम से 19,000 करोड़ रुपये की मांग पैदा होगी। वहीं राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा इस योजना का विकल्प चुनने से 9,000 करोड़ रुपये की मांग और पैदा होगी। इसके अलावा सरकार ने अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को त्योहारों के मौके पर 10,000 रुपये का ब्याज मुक्त अग्रिम देने का फैसला किया है। सीतारमण ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों को त्योहार के लिए अग्रिम देने की व्यवस्था समाप्त कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि एकमुश्त उपाय के तहत सरकार ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को 10,000 रुपये का ब्याज मुक्त अग्रिम देने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि 10,000 रुपये का यह अग्रिम प्री-पेड रुपे कार्ड के रूप में होगा। इसे 31 मार्च, 2021 तक खर्च करना होगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को इस अग्रिम का भुगतान 10 किस्तों में करना होगा। इस पर सरकार 4,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि यदि राज्यों द्वारा इस योजना को 50 प्रतिशत भी अपनाया जाता है, तो 4,000 करोड़ रुपये और खर्च होंगे। वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा 25,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त पूंजीगत व्यय की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह अतिरिक्त राशि सड़क, रक्षा ढांचे, जलापूर्ति और शहरी विकास पर खर्च की जाएगी। यह 4.13 लाख करोड़ रुपये के निर्धारित बजट के अतिरिक्त होगी। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये केन्द्र सरकार राज्यों को 12,000 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज उपलब्ध करायेगी। कर्ज 50 साल की अवधि का होगा और यह पूंजीगत परियोजनाओं पर खर्च करने के लिये दिया जायेगा। सीतारमण ने इस 12,000 करोड़ रुपये की राशि में से 1,600 करोड़ रुपये पूर्वोत्तर राज्यों को और 900 करोड़ रुपये उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश को दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 7,500 करोड़ रुपये की राशि शेष राज्यों को दी जाएगी। वहीं 2,000 करोड़ रुपये उन राज्यों को दिए जाएंगे जिन्होंने पहले बताये गये सुधारों को पूरा कर लिया होगा। सीतारमण ने कहा कि एलटीसी वाउचर योजना से 28,000 करोड़ रुपये तथा त्योहारों के लिए अग्रिम की योजना से 8,000 करोड़ रुपये यानी कुल 36,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त उपभोक्ता मांग पैदा होगी। इसके अलावा केंद्र और राज्यों द्वारा 37,000 करोड़ रुपये का अतरिक्त पूंजीगत व्यय किया जाएगा। इससे 31 मार्च, 2021 तक मांग को 73,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन मिलेगा।