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भारत से दवाओं के आयात में कथित घोटाले पर इमरान ने दिये जांच के आदेश

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भारत से दवाओं के आयात में कथित घोटाले पर इमरान ने दिये जांच के आदेश

इस्लामाबाद। प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत से 450 दवाओं के आयात में कथित घोटाले की जांच के आदेश दिये हैं। मीडिया में आई खबर के मुताबिक, जीवन रक्षक दवाओं के नाम पर विटामिन की गोलियां मंगाई गईं। भारत द्वारा पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को रद्द करने के फैसले के बाद पाकिस्तान ने नौ अगस्त को भारत के साथ सभी कारोबारी संबंध तोड़ लिये थे। दवा कंपनियों के पाकिस्तान में महत्वपूर्ण दवाओं की संभावित कमी के बारे में चिंता जाहिर करने के बाद हालांकि सरकार ने जीवन रक्षक दवाओं और उनके कच्चे माल के आयात की इजाजत दे दी थी। विपक्ष द्वारा और मीडिया में आने वाली खबरों में बार-बार ऐसे आरोप लगाए जाते रहे हैं कि सरकार की तरफ से दी गई रियायत का दुरुपयोग हो रहा है और इस मामले की पारदर्शी जांच कराई जाए। इन आरोपों के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने जवाबदेही मामलों पर अपने सहायक शहजाद अकबर को भारत से करीब 450 दवाओं के आयात की जांच के आदेश दिए। डॉन अखबार की खबर के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा मंत्रालय (एमएनएचएस) के एक दस्तावेज में दिखाया गया है कि कई विटामिन्स, दवाएं और उनका कच्चा माल भारत से आयात किया गया। संघीय मंत्रिमंडल के समक्ष पांच मई को पेश किये गए दस्तावेज कहते हैं कि स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रभारी के तौर पर प्रधानमंत्री ने भारत से आयात की गई दवाओं की सूची मांगी है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव तनवीर अहमद कुरैशी के दस्तखत वाले दस्तावेज दिखाते हैं कि बीसीजी, पोलियो और टेटनस रोधी टीकों समेत कई टीके आयात किये गए। इतना ही नहीं, विटामिन बी1, बी2, बी6, बी12, डी3, जिंक सल्फेट मोनोहाइड्रेट समेत कई अन्य विटामिन भी भारत से आयात किये गए। पाकिस्तान में औषधि नियामक प्राधिकरण के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने का अनुरोध करते हुए अखबार को बताया कि शुरू में यह दावा किया गया था कि भारत से अगर दवाओं और उनके कच्चे माल के आयात को रोका गया को कैंसर के मरीजों की परेशानी बढ़ेगी। उन्होंने कहा, “हालांकि बाद में भारत से सभी तरह की दवाओं का आयात किया गया जिसके कारण हम भारत को विदेशी विनिमय स्थानांतरित कर रहे हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दवाओं और उनके कच्चे माल का उत्पादन पाकिस्तान में हो जिससे हम विदेशी मुद्रा बचा सकेंगे और दवाओं का विदेश में निर्यात सुनिश्चित कर सकेंगे।” रिपोर्ट के अनुसार, एनएनएचएस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मामले में टिप्पणी करना उचित नहीं होगा कि जवाबदेही पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक अकबर को इस मामले को देखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा, “इस मामले में वाणिज्य मंत्रालय भी जुड़ा हुआ है इसलिये हमनें फैसला किया है कि अकबर ही इस मामले को देखें।

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