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NDA ने नरेंद्र मोदी को संसदीय दल का नेता चुना, जानें कब सरकार बनाने का दावा करेंगे पेश
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने बुधवार को सर्वसम्मति से नरेन्द्र मोदी को अपना नेता चुन लिया। इसके साथ ही लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभालने की दिशा में मोदी ने एक और कदम आगे बढ़ा दिया। लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन को बहुमत मिलने के एक दिन बाद यहां सात लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास में राजग के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। बैठक में शामिल सभी घटक दलों ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व पर विश्वास जताया और दावा किया कि उनके नेतृत्व में राजग सरकार भारत के गरीब, महिला, युवा, किसान, शोषित, वंचित व पीड़ित नागरिकों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया, ‘‘हम सभी को गर्व है कि 2024 का लोकसभा चुनाव राजग ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एकजुटता से लड़ा और जीता। हम सभी राजग के नेता नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुनते हैं।’’
प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि भारत की विरासत को संरक्षित कर देश के सर्वांगीण विकास केलिये राजग सरकार भारत के जन-जन के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए कार्य करती रहेगी। तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू, जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, शिवसेना नेता एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान इस बैठक में शामिल हुए। इनके अलावा, हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के जीतनराम मांझी, जन सेना पार्टी के पवन कल्याण, राकांपा (अजित पवार) के प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे, अपना दल (सोनेलाल) की अनुप्रिया पटेल, राष्ट्रीय लोक दल के जयंत चौधरी, असम गण परिषद के अतुल बोरा, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के इंद्र हंग सुब्बा, ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) के सुदेश महतो और जद(यू) के राजीव रंजन सिंह और संजय झा भी बैठक में शामिल हुए। भाजपा की तरफ से इस बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा, राजनाथ सिंह और अमित शाह ने बैठक में हिस्सा लिया। तेदेपा, जद (यू), शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और लोजपा (रामविलास) ने क्रमश: 16, 12, सात और पांच लोकसभा सीट जीती हैं और ये दल सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रस्ताव में कहा गया कि 140 करोड़ देशवासियों ने पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों से देश को हर क्षेत्र में विकसित होते देखा है। इसमें कहा गया, ‘‘ बहुत लंबे अंतराल, लगभग छह दशक के बाद भारत की जनता ने लगातार तीसरी बार पूर्ण बहुमत से सशक्त नेतृत्व को चुना है।’’
सूत्रों ने बताया कि सात जून को राजग की एक और बैठक हो सकती है, जिसके बाद राष्ट्रपति से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सकता है। शपथ ग्रहण समारोह की तारीख को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन गठबंधन के कुछ सदस्यों का मानना है कि अगर नई सरकार की रूपरेखा जल्द तैयार हो जाती है, तो यह (शपथ ग्रहण) सप्ताहांत तक हो सकता है। ऐसी चर्चा है कि सरकार गठन के सिलसिले में तेदेपा और जद(यू) जैसे दलों की ओर से कुछ महत्वपूर्ण विभागों की मांग की जा सकती है, क्योंकि उनका समर्थन सरकार के गठन और अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण होगा। इस बार नयी सरकार की सूरत बदली-बदली नजर आने की संभावना है, क्योंकि भाजपा को अपनी बदौलत बहुमत नहीं मिला है और उसे अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ेगा। राजग 290 से अधिक सीट हासिल कर 543 सदस्यीय लोकसभा में बहुमत के लिये जरूरी 272 के जादुई आंकड़े को पार कर गया है। हालांकि, भाजपा 2014 के बाद पहली बार अपने दम पर बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल करने से पीछे रह गई है।