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एनआईए ने केरल और पश्चिम बंगाल से अलकायदा के नौ आतंकवादियों को गिरफ्तार किया
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन अलकायदा द्वारा भारत में ठिकाना बनाने की कोशिश का भंडाफोड़ किया है और पश्चिम बंगाल एवं केरल में उस पर शिकंजा कसते हुए नौ सदस्यों को गिरफ्तार किया है। अधिकारिक प्रवक्ता ने शनिवार को यह जानकारी दी। प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर एनआईए ने राज्य पुलिस के साथ मिलकर 18-19 सितंबर की दरमियानी रात केरल के एर्णाकुलम और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में छापेमारी कर नौ लोगों को गिरफ्तार किया। उन्होंने बताया कि मुर्शिद हसन, याकूब बिस्वास, मुसरफ हुसैन को एर्णाकुलम से जबकि नजमुस साकिब, अबू सुफियान, मैनुल मंडल, लियू यिन अहमद, अल मामून कमाल और अतितुर रहमान को मुर्शिदाबाद से गिरफ्तार किया गया। एनआईए प्रवक्ता ने बताया कि केरल से गिरफ्तार हसन गिरोह का सरगना है और मूल रूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला वाला है। मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के मुताबिक गिरफ्तार संदिग्ध धुर कट्टरपंथी हैं और उन्हें पाकिस्तान स्थित अलकायदा के आतंकवादियों सहित विदेशी आकाओं से इंटरनेट के जरिये निर्देश मिल रहा था। मॉड्यूल भारत में अहम प्रतिष्ठानों पर हमला करने के साथ लक्षित हत्या करने की योजना बना रहा था।वे हमले के लिए हथियार (स्वचालित राइफल और पिस्तौल), गोलाबारूद और विस्फोटक खरीदने के अग्रिम चरण में पहुंच चुके थे। अधिकारी के मुताबिक पटाखों को इम्प्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) में तब्दील करने की कोशिश की जा रही थी और छापेमारी के दौरान एनआईए ने अबू सुफियान के घर से स्विच और बैटरी बरामद की है। अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तान में बैठे अपने आका के निर्देश पर मॉड्यूल के सदस्य जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में अलकायदा के संगठित नेटवर्क बनाने की कोशिश कर रहे थे।
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पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने आरोप लगाया कि प्रदेश ‘‘अवैध बम बनाने का अड्डा बन चुका है’’ और कानून-व्यवस्था की बदतर होती स्थिति के लिये अपनी जवाबदेही से राज्य प्रशासन बच नहीं सकता। राज्यपाल ने ट्वीट किया, ‘‘प्रदेश अवैध बम बनाने का अड्डा बन चुका है। इससे लोकतंत्र की स्थिरता को खतरा हो सकता है। (मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी की पुलिस राजनीतिक कार्य करने में तथा विपक्ष के साथ भिड़ने में व्यस्त है। राज्य में दिन-ब-दिन बदतर होती कानून व्यवस्था की जवाबदेही से पश्चिम बंगाल पुलिस भाग नहीं सकती है।’’ धनखड़ ने एक अन्य ट्वीट में आरोप लगाया, ‘‘पुलिस महानिदेशक यथार्थ से कितने दूर हैं, यह चिंता का विषय है। शुतुरमुर्ग वाला उनका रुख बहुत परेशान करने वाला है।’’ राज्यपाल पहले भी कई मौकों पर प्रदेश की पुलिस और प्रशासन की आलोचना कर चुके हैं। उल्लेखनीय है कि 11 सितंबर को अलकायदा के मॉड्यूल की जांच के लिए शीर्ष जांच एजेंसी द्वारा प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद एनआईए और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की कड़ी निगरानी में अभियान को शुरू किया गया। अधिकारी ने बताया कि समूह हथियार प्राप्त करने के लिए कश्मीर जाने की योजना बना रहा था क्योंकि उसका इरादा निर्दोष लोगों की हत्या के मकसद से प्रमुख प्रतिष्ठानों पर हमला करना था। शुरुआती जांच से खुलासा हुआ कि गिरफ्तार व्यक्तियों को पाकिस्तान में रह रहे अलकायदा के आतंकवादी सोशल मीडिया मंच के जरिये कट्टरपंथी बना रहे थे और उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) सहित विभिन्न स्थानों पर हमले के लिए उकसा रहे थे। अधिकारी ने बताया कि मॉड्यूल सक्रियता से पैसे जुटा रहा था और उसके सदस्यों की योजना नयी दिल्ली जाकर हाथियार और गोला-बारूद खरीदने की थी। उन्होंने बताया कि इनकी गिरफ्तारी से देश के विभिन्न हिस्सों में संभावित हमले टल गए। अधिकारी ने बताया कि इनके पास से डिजिटिल उपकरण, जिहादी साहित्य, धारदार हथियार, कट्टा, घर में ही विस्फोटक उपकरण बनाने की जानकारी देने वाले लेख और साहित्य सहित आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई है। वे हमले के लिए हथियार (स्वचालित राइफल और पिस्तौल), गोलाबारूद और विस्फोटक खरीदने के अग्रिम चरण में पहुंच चुके थे। उन्होंने बताया कि आगे की जांच के लिए हिरासत में लेने के वास्ते उन्हें केरल और पश्चिम बंगाल की संबंधित अदालतों में पेश किया जाएगा।