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लालू-राबड़ी राज में सिर्फ भ्रष्टाचार, अपराध, लूटपाट का बोलवाला: मंत्री नीरज कुमार

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लालू-राबड़ी राज में सिर्फ भ्रष्टाचार, अपराध, लूटपाट का बोलवाला: मंत्री नीरज कुमार

पटना, 28 मई। बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने आज फेसबुक लाईव के माध्यम से जनता के समक्ष उपस्थित होकर नेता प्रतिपक्ष के गैर तथ्यात्मक सवालों पर आँकड़ों के साथ बिहार सरकार के कार्यों और कानून के राज की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश किया।

अपने एक घंटे के फेसबुक लाईव में तकरीबन 67 हजार से अधिक नागरिकों से रुबरु होकर उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की कलई खोलते हुए बिंदुवार जवाब दिया जिसमें कानून के राज पर सवालिया निशान खड़ा करने के तमाम प्रश्नों का विस्तृत विवेचना कर जवाब दिया साथ ही साथ लालू-राबड़ी शासनकाल पर माननीय उच्च न्यायालय पटना द्वारा की गई गंभीर टिप्पणियों एवं 1990 से 2005 में 118 नरसंहार में दलित, पिछड़ा, अति पिछड़ा और सामान्य समुदाय के लोगों की गई नृशंस हत्या पर तत्कालीन सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की गई इस पर जवाब माँगा है।

माननीय उच्च न्यायालय, पटना ने तत्कालीन सरकार पर लगातार गंभीर टिप्पणियाँ की परंतु सरकार की कार्यशैली नहीं सुधरी।

• दिनांक – 05.08.1997 का माननीय उच्च न्यायालय की टिप्पणी है कि –

 “No Government worth the name is existing in the State. The State Government is not in a position to do its duty and people are forced to live in the jungle raj.”

• दिनांक – 06.08.1997 का माननीय उच्च न्यायालय की टिप्पणी है कि –

 “Even jungle raj has some rules but in Bihar even these are not followed. Nothing happens in the State. Repair f roads and even cleaning activity is also undertaken only under the orders of the court.”

उन्होंने अपने फेसबुक लाईव के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष को कठघरे में खड़ा कर सवाल करते हुए कहा कि हमने तो आपके द्वारा वर्णित तमाम प्रश्नों का जवाब दिया, क्या आपमें काबिलियत है अपने माता पिता के शासनकाल में हुए अपराधों पर की गई कार्यवाई को जनता के समक्ष प्रस्तुत करने की, आपके लिए तो लालूवाद एक विचारधारा है क्या लालूवाद का मूलमंत्र अपराध है, जनता जानना चाहती है कि 1990 से 2005 तक फिरौती के लिए अपहरण की 5 हजार 243 घटनाओं में तब क्या कार्यवाई की गई थी यदि कार्यवाई नहीं हुई तो क्यों? पुलिस के हाथ किसने बाँध रखा था? सिर्फ वर्ष 2005 में फिरौती के लिए अपहरण की 251 घटनाएं हुई पर जाँच सिफर, आखिर क्यों?

तेजस्वी यादव जी सिर्फ इतना बता दीजिए कि फिरौती के लिए अपहरण की घटनाओं में तब क्या कार्यवाई की गई? कितनी गिरफ्तारियां हुई? सजावार कितने हुए? यदि नहीं तो क्यों? पुलिस को कार्यवाई करने से किसने रोक रखा था?

नेता प्रतिपक्ष से हमारी अपेक्षा है कि हमने आपके तमाम प्रश्नों का अक्षरशः उत्तर जनता के समक्ष पेश किया अब आप कृपाकर वर्णित प्रश्न पर अपनी सफाई जनता के समक्ष पेश करें, बिहार की जनता जानने को उत्सुक है कि आखिर लालूवाद का मूलमंत्र अपराध क्यों है?

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