Connect with us

पीडीएस दायरे से बाहर के गरीबों के लिए खुली बिक्री योजना से अनाज खरीदें राज्य: पासवान

ramvilas paswan

Bihar

पीडीएस दायरे से बाहर के गरीबों के लिए खुली बिक्री योजना से अनाज खरीदें राज्य: पासवान

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वेसार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के दायरे में नहीं आने वाले लॉकडाऊन से प्रभावित गरीबों को खाद्यान्न सुलभ कराने के लिए खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) से अनाज लें। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने शनिवार को मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है।   मौजूदा समय में, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएस) के तहत राशन की दुकानों के माध्यम से बेचे जाने वाले सब्सिडीप्राप्त खाद्यान्नों के लिए 81 करोड़ से अधिक लाभार्थी पंजीकृत हैं। खुली बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत, फिलहाल केंद्र सरकार 22 रुपये प्रति किलो की दर से चावल और 21 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं प्रदान करती है। पासवान ने एक बयान में कहा, ‘‘मैंने सभी राज्य के मुख्यमंत्रियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे से बाहर के परिवारों की खाद्य आवश्यकता को पूरा करने के लिए ओएमएसएस के तहत खाद्यान्न का उठाने के बारे में लिखा है।’’ खाद्य मंत्रालय ने ‘लॉकडाऊन’ से प्रभावित लोगों के बीच खाद्य पदार्थो को बांटने के लिए सक्रिय कार्यकताओं और संगठनों को ओएमएसएस के तहत खाद्यान्न खरीदने की अनुमति दी हुई है। राज्य सरकारें भी गरीबों की खाद्य मांग को पूरा करने के लिए ओएमएसएस के तहत खाद्यान्न खरीद कर सकती हैं। कोविड-19 रोग के प्रसार को रोकने के लिए 24 मार्च से देशव्यापी ‘लॉकडाऊन’ लागू है। गरीबों की मांग को पूरा करने के लिए सरकार के अपने गोदामों में पर्याप्त खाद्य आपूर्ति होने की बात कहते हुए पासवान ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास एक मई को कुल 605.7 लाख टन खाद्यान्न भंडार था, जिसमें 275.7 लाख टन चावल और 330 लाख टन गेहूं शामिल है।

‘कोरोना योद्धाओं’ के सम्मान की सशस्त्र बलों की पहल, वायुसेना करेगी फ्लाई पास्ट, नौसेना युद्धपोत में जलाएगी दीपक

उन्होंने कहा कि एनएफएसए और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के तहत पीडीएस वितरण के लिए मासिक खाद्यान्न की आवश्यकता लगभग 60 लाख टन की है। पासवान ने कहा कि एफसीआई ने 24 मार्च को लॉकडाउन लगाए जाने के बाद से लगभग 192 लाख टन खाद्यान्न का परिवहन किया है। जिसमें से 126.12 लाख टन सड़क और समुद्री मार्ग से भेजा गया, जबकि बाकी 65.4 लाख टन 2,334 रैक में रेल के जरिए पहुंचाए गए। इस अवधि में लगभग 5.63 लाख टन अनाज पूर्वोत्तर के क्षेत्र में ले जाया गया। प्रधानमंत्री गरीब योजना (पीएमजीएवाई) के तहत खाद्यान्नों और दालों के मुफ्त वितरण के बारे में, पासवान ने कहा कि इस योजना के तहत खाद्यान्नों की आवश्यकता लगभग 104.4 लाख टन चावल और 15.6 लाख टन गेहूं की है। जिसमें से अब तक 56.7 लाख टन चावल और 7.7 लाख टन गेहूं विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, दिल्ली और गुजरात जैसे छह राज्यों ने गेहूं वितरित किया है, जबकि अन्य राज्यों ने पीएमजीएवाई के तहत चावल वितरित किया है। दालों के मामले में, पीएमजीएवाई के तहत तीन महीनों के लिए लगभग 5.82 लाख टन दाल की आवश्यकता होती है, जिसमें से अभी तक 1.90 लाख टन दाल भेजे जा चुके हैं। इसमें से 1.15 लाख टन दालें राज्यों में पहुंच गई हैं और 38,098 टन दालों का वितरण किया गया है। पीएमजीएवाई के तहत, सरकार लॉकडाउन के दौरान किसी भी गरीब को भूख की स्थिति से बचाने के मकसद से तीन महीने के लिए प्रति पीडीएस लाभार्थी को पांच किलोग्राम अनाज और प्रति परिवार एक किलो दलहन वितरित कर रही है। यह वितरण, एनएफएसए के तहत आवंटन के ऊपर और अधिक है। मंत्री ने कहा कि सरकार के पास 30 अप्रैल तक 12.54 लाख टन दालों का बफर स्टॉक है। इसमें 5.16 लाख टन अरहर दाल, 1.26 लाख टन मूंग, 2.55 लाख टन उड़द, 2.72 लाख टन चना और 0.84 लाख टन मसूर दाल शामिल है। पासवान ने कहा कि आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए राज्य सरकारों को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत जमाखोरों और काले बाजारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पर्याप्त शक्ति दी गई है।

More in Bihar

To Top