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PM मोदी ने नोएडा, मुंबई और कोलकाता में हाईटेक कोविड-19 लैब का किया उद्घाटन

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PM मोदी ने नोएडा, मुंबई और कोलकाता में हाईटेक कोविड-19 लैब का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के मद्देनजर भारत द्वारा खड़े किए गए स्वास्थ्य संबंधी संसाधनों की क्षमताओं में विस्तार को ‘‘अभूतपूर्व’’ करार देते हुए सोमवार को कहा कि सही समय पर सही फैसले लेने की वजह से कोरोना वायरस के मामले में भारत की स्थिति अन्य देशों के मुकाबले संभली हुई है। प्रधानमंत्री ने ग्रामीण इलाकों में मौजूद स्वास्थ्य क्षमताओं को अधिक सक्षम बनाने पर जोर दिया ताकि गांवों में कोरोना से लड़ाई कमजोर न पड़े और कहा कि आज भारत में पांच लाख से ज्यादा टेस्ट हर रोज हो रहे हैं और आने वाले हफ्तों में इसको 10 लाख प्रतिदिन करने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आज देश उस स्थिति पर आ चुका है, जहां जागरूकता की कमी नहीं है, वैज्ञानिक डेटा का विस्तार हो रहा है और संसाधन भी बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में नोएडा, मुम्बई और कोलकाता में उच्च क्षमता वाली कोविड-19 परीक्षण सुविधाओं की शुरूआत करने के बाद उक्त बातें कहीं। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी उपस्थित थीं। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘देश में जिस तरह सही समय पर सही फैसले लिए गए आज उसी का परिणाम है कि भारत अन्य देशों के मुकाबले काफी संभली हुई स्थिति में है। आज हमारे देश में कोरोना से होने वाली मृत्यु बड़े-बड़े देशों के मुकाबले काफी कम है।’’ उन्होंने कहा कि देश में कोरोना से ठीक होने की दर भी अन्य देशों के मुकाबले बहुत ज्यादा है और दिनोंदिन सुधार भी हो रहा है। उन्होंने कहा, ’’आज भारत में कोरोना संक्रमित होने के बाद ठीक होने वालों की संख्या करीब-करीब 10 लाख पहुंचने वाली है।’’ मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई को देख कर दुनिया अचंभित है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन अत्याधुनिक जांच केंद्रों की शुरुआत से पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में और ताकत मिलने वाली है। उन्होंने कहा कि अब तीनों जगह कोरोना जांच की जो उपलब्ध क्षमता है, उसमें 10,000 की क्षमता और जुड़ने जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ इस बड़ी और लंबी लड़ाई के लिए सबसे महत्वपूर्ण था कि देश में तेजी के साथ स्वास्थ्य संबंधी मूलभूत संरचनाओं का विकास हो। इसी को ध्यान में रखते हुए भारत ने बहुत ही तेज गति से अपनी क्षमताओं का विस्तार किया। उन्होंने कहा, ‘‘जनवरी में हमारे पास कोरोना की जांच के लिए जहां मात्र एक केंद्र था वहीं आज करीब 1300 प्रयोगशालाएं पूरे देश में काम कर रही हैं। आज भारत में पांच लाख से ज्यादा टेस्ट हर रोज हो रहे हैं और आने वाले हफ्तों में इसको 10 लाख प्रतिदिन करने की कोशिश हो रही है।’’ उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हर कोई सिर्फ एक ही संकल्प के साथ जुटा है कि एक-एक भारतीय को बचाना है। इस संकल्प ने भारत को ‘‘हैरतअंगेज’’ परिणाम दिए हैं।

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उन्होंने कहा, ‘‘विशेषकर पीपीई किट्स, मास्क और टेस्ट किट्स को लेकर भारत ने जो किया, वो सफलता की एक बड़ी कहानी है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि सिर्फ छह महीने पहले देश में एक भी पीपीई किट का निर्माता नहीं था, वहीं आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पीपीई किट निर्माता है। आज 1200 से ज्यादा निर्माता हर रोज पांच लाख से ज्यादा पीपीई किट बना रहे हैं। एक समय भारत एन-95 मास्क भी बाहर से ही मंगवाता था जबकि आज भारत में तीन लाख से ज्यादा एन-95 मास्क हर रोज बन रहे हैं। मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए मानव संसाधन तैयार करना बड़ी चुनौती थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी के सामूहिक प्रयासों की वजह से आज न सिर्फ लोगों का जीवन बच रहा है, बल्कि जो चीजें देश आयात करता था, अब उनका निर्यातक बनने जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जितने कम समय में हमारे पैरामेडिक्स, आशावर्कर्स, आंगनबाड़ी और दूसरे स्वास्थ्य व अन्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया, वो भी अभूतपूर्व है।’’ प्रधानमंत्री ने इस मौके पर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य संसाधनों को और सक्षम बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें मिलकर नया हेल्थ इंफ्रा तो तैयार करना ही है, जो हमारे पास गांव-गांव में सरकारी और प्राइवेट डिस्पेंसरीज़ हैं, क्लिनिक हैं, उनको ज्यादा सक्षम भी बनाना है। ये हमें इसलिए भी करना है ताकि हमारे गांवों में कोरोना से लड़ाई कमजोर न पड़े।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि अभी तक गांवों ने कोरोना के खिलाफ बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन इसके बावजूद अब राज्यों में जिला, गांव और ब्लॉक के स्तर पर मांग और आपूर्ति की व्यवस्था को और चुस्त-दुरुस्त करना है। उन्होंने कहा, ‘‘इसके साथ ही हमें इस बात का ध्यान रखना है कि हमारे कोरोना योद्धा किसी तरह की थकान का शिकार ना हों। हमें नए और रिटायर्ड प्रोफेशनल्स को हेल्थ सिस्टम से जोड़ने के लिए भी लगातार काम करना होगा।’’ आने वाले त्योहारों के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने जनता को सचेत भी किया और कहा कि जब तक कोरोना की कोई प्रभावी दवा या वैक्सीन नहीं बनती, तब तक मास्क, दो गज की दूरी, हाथ धोते रहना ही बचाव का एकमात्र विकल्प है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें ये भी देखते रहना होगा कि उत्सव के इस समय में गरीब परिवारों को परेशानी ना हो। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ हर गरीब परिवार तक समय पर पहुंचे, हमें ये भी सुनिश्चित करना है।’’ स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इस मौके पर कहा कि कोरोना की जांच के लिए आज पूरे देश में प्रयोगशाला उपलब्ध है। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक केंद्रीय स्वाथ्य मंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने की दिशा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर काम करने का जिक्र भी किया। प्रधानमंत्री ने जिन तीन उच्च क्षमता वाली परीक्षण सुविधाओं का शुभारंभ किया उनको रणनीतिक तौर पर आईसीएमआर- राष्ट्रीय कैंसर निवारण एवं अनुसंधान संस्थान, नोएडा, आईसीएमआर- राष्ट्रीय प्रजननीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान, मुंबई और आईसीएमआर- राष्ट्रीय हैजा एवं आंत्र बीमारी संस्थान, कोलकाता में स्थापित किया गया है जो हर रोज 10,000 से अधिक नमूनों का परीक्षण करने में सक्षम हैं। इन प्रयोगशालाओं में कोविड के अलावा अन्य बीमारियों का भी परीक्षण हो सकेगा और महामारी खत्म होने के बाद हेपेटाइटिस बी एवं सी, एचआईवी, माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस, साइटोमेगालोवायरस, क्लैमाइडिया, नीसेरिया, डेंगू इत्यादि बीमारियों के लिए भी परीक्षण कार्य होगा।

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