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MSME के ‘ग्रामोदय विकास योजना’ से गाँव के उद्योगों को मिलेगी बड़ी राहत

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MSME के ‘ग्रामोदय विकास योजना’ से गाँव के उद्योगों को मिलेगी बड़ी राहत

आशुतोष.

दिल्ली। केंद्रीय सरकार द्वारा ग्राम विकास परियोजना हेतु लागू की गई “ग्रामोदय विकास योजना” ग्रामीण उत्थान की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। ग्रामोदय विकास योजना के तहत सरकार ने ग्रामीण इलाको में अगरबत्ती उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए निवेश का लक्ष्य किया है। इसके साथ साथ वही दूसरी तरफ सरलर द्वारा इस अभियान को सही मायनो में सफल बनाने हेतु 200 ऑटोमैटिक अगरबत्ती की मशीनें और साथ साथ मिक्सिंग के लिए कई दूसरी मशीनें भी उपलब्ध करवाई गई है।

प्रत्येक समूह को 50 ऑटोमैटिक मशीन और दस मिक्सिंग मशीन देने की योजना भी इसी में शामिल है। कुल 40 मिक्सिंग मशीन सरकार द्वारा आवंटित की जाएंगी। ग्रामोदय विकास योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर को अधिकाधिक करना विशेष तौर से क्रोना काल में लगे आर्थिक धक्के से कई ग्रामवासीयो पर आर्थिक संकट बना हुआ है उसी को मद्देनजर रखते हुए सरकार ने यह योजना जारी की थी।

इसके साथ ही अगरबत्ती को मुक्त व्यापार की श्रेणी से हटाकर प्रतिबंधित श्रेणी में रखने और गोल बांस के आयात छड़ो जिनका इस्तेमाल अगरबत्ती में किया जाता है, उनपर आयात शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करने के बाद अगरबत्ती का घरेलू उत्पाद तीव्रतम गति से होगा।

आकड़ो के हिसाब से देखे तो भारत में अगरबत्ती की खपत 1490 टन प्रतिदिन के पास पहुच चुकी है मगर देश का उत्पाद मात्र 760 टन ही है, शेष मांग को विदेशी कम्पनी द्वारा पूर्ति की जाती है किंतु सरकार की इस नई योजना के तहत न सिर्फ देश का घरेलू उत्पाद बढेगा बल्कि साथ साथ इसमे संलग्न लोगो को रोजगार भी मिलेगा। सरकार ने अगरबत्ती व्यापर में एक लाख रोजगार का मन बनाया है।

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